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गांव की गवर्नमेंट और गवर्नेंस पर आधारित है मॉडल गांव का कांसेप्ट-आईएएस हीरालाल

लखनऊ। भारतीय प्रशासनिक सेवा 2010 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हीरालाल बांदा जिले के जिलाधिकारी पद पर तैनाती के दौरान मॉडल गांव की जो मुहिम छेड़ी थी, वह आज रंग ला रही है, उप्र ही नहीं प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में भी मॉडल गांवों की चर्चा हो रही है। मॉडल गांव का विजन गांवों का चौमुंखी विकास है, इसके लिए गांवों के विकास के लिए एक एजेण्डा चलाया जा रहा है, जिसका नाम विलेज मेनीफेस्टो रखा गया है, मॉडल गांव की नींव इसी पर आधारित है।

बांदा जिले के जिलाधिकारी रहते हुये इस विपेज मेनफेस्टो को बनाया और उसमें 25 बिंदुओं को शामिल किया। उन्होंने यह मुहिम शुरू कराई तब करीब 2 दर्जन गांव में इस मॉडल को गांव को लागू कराया गया है। जिसके काफी सार्थक परिणाम मिले। धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य गांव भी इस मुहिम से जुड़ भी रहे हैं।
वर्तमान समय में आईएएस अधिकारी हीरालाल नेशनल हेल्थ मिशन में अपर निदेशक के पद पर तैनात हैं। प्रशासनिक दायित्वों के साथ-साथ वह इस गांव के विकास की मुहिम को भी आगे बढ़ा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में इस काम को आगे बढ़ाया गया है और धीरे-धीरे लोग काफी संख्या में इस मॉडल गांव प्रोजेक्ट से जुड़ रहे हैं। इसके अलावा देश के 9 राज्यों में भी लोग इस मुहिम से जुड़े हैं और गांव के विकास को लेकर काम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे है। इस आइएएस अफसर की मुहिम इतनी रंग लायी की मॉडल गांव को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इस पहल को काफी सराहा। आईएएस अधिकारी हीरालाल ने बताया कि मॉडल गांव एक प्रोजेक्ट है। जो विकास को लेकर गांव के लोगों को प्रेरित करता है। गांव के लोग, मिलकर गांव के विकास को गति देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मॉडल गांव की हमने मुहिम बांदा से शुरू की थी और करीब 2 दर्जन गांव में इस प्रयोग को किया था और वहां पर विकास की रफ्तार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। गांव के लोग जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने बताया मॉडल गांव का कांसेप्ट गांव की सरकार यानी गांव की गवर्नमेंट और गवर्नेंस पर आधारित है। जब तक गांव की गवर्नमेंट अच्छा काम नहीं करेगी, तब तक हमारा जो विकसित देश बनने का सपना है, वह मुझे नहीं लगता है कि पूरा होगा। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और यह जो मॉडल गांव का कंसेप्ट गांव की गवर्नेंस को कैसे अच्छा किया जाए, कैसे लोगों को जागरूक किया जाए और तमाम योजनाओं को धरातल तक कैसे लागू किया जाए इस पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने जो मॉडल गांव की मुहिम शुरू की है, उसके अंतर्गत एक विलेज मेनिफेस्टो बनाया है और उसमें 25 बिंदुओं को समाहित किया गया है। इन बिंदुओं के आधार पर ही लोगों को अभियान से जोड़ा जा रहा है। बिंदुओं के अनुसार उन्हें जागरूक करते हुए गांव के विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है। किसानी को बढ़ावा देने के भी गांव में ही खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सके इस दिशा में काम हो रहा है। गांव के लोग रोजगार की तलाश में बाहर पलायन करते हैं, उस पर भी इससे रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम लोग किसानों को जागरूक करने उन्हें प्रशिक्षित करने को लेकर एग्री टूरिज्म अभियान भी चला रहे हैं। गांव के लोगों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है। हमारा मानना है कि जब गांव के लोग पावरफुल होंगे उन्हें ज्ञान होगा तो गांव का विकास स्वाभाविक रूप से तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि हमारे इस अभियान से उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के लोग जुड़े हुए हैं। यह पूरा अभियान ऑनलाइन कांसेप्ट पर आधारित है।

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