लखनऊ, 5 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई में एसजीपीजीआई की एक एसोसिएट प्रोफेसर से 2 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने सोशल मीडिया और फोन कॉल्स के जरिए खुद को पुलिस, ईडी या सीबीआई का अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमकाकर ठगी करने की योजना बनाई थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान:
- हरिप्रिया प्रधान, पत्नी भोलेष खमारी, निवासी नागेन पल्ली, ओडिशा।
- जितेन्द्र कुमार यादव, पुत्र दशरथ लाल यादव, निवासी प्रयागराज।
- हितेष उर्फ ज्ञानचन्द्र, पुत्र नगीना राम, निवासी गाजीपुर।
घटना का विवरण: एसोसिएट प्रोफेसर के मोबाइल पर एक कॉल आई जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई मुंबई का अधिकारी बताया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके बैंक खाते का इस्तेमाल होने का दावा करके प्रोफेसर को धमकाया गया और बैंक डिटेल्स प्राप्त कर ली गईं। लगभग पांच दिनों तक उन्हें मानसिक रूप से बंधक बनाकर उनके खाते से 2 करोड़ रुपये धोखे से निकाल लिए गए। ठगी का एहसास होने पर प्रोफेसर ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।
गिरोह की रणनीति: गिरोह के सदस्य लोगों को फोन करके खुद को सरकारी अधिकारी बताते और उन्हें डराते थे। उनकी व्यक्तिगत जानकारी लेकर बैंक खातों से पैसे निकालते थे। ये पैसे बिनेंस ऐप के जरिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और ट्रेडिंग में इस्तेमाल होते थे। गिरोह ने अलग-अलग लोगों से प्रलोभन देकर बैंक खाते खुलवाए और उन खातों का दुरुपयोग किया।
पुलिस की कार्रवाई: एसटीएफ की टीम ने मुखबिर की सूचना पर इकाना स्टेडियम के पास से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फोरेंसिक परीक्षण कराया जाएगा। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास भी जारी हैं।
आगे की कार्रवाई: गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ साइबर क्राइम थाना लखनऊ में मामला दर्ज किया गया है और स्थानीय पुलिस द्वारा विधिक कार्यवाही की जा रही है।