लखनऊ। राजधानी में सिंथेटिक दूध के कारोबार पर अब शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है, जो सिंथेटिक दूध बनाकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
जांच अभियान की शुरुआत
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन द्वारा एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत शहर की सभी डेयरियों की सघन जांच की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सिंथेटिक दूध बनाने और बेचने वाले अपराधियों को पकड़ना और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करना है।
सिंथेटिक दूध पर अधिकारियों की चेतावनी
एफएसडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सिंथेटिक दूध का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स और अन्य हानिकारक पदार्थ कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। अधिकारियों ने कहा, “सिंथेटिक दूध का कारोबार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।”
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, सिंथेटिक दूध में मिलाए जाने वाले रसायन पाचन तंत्र, हृदय और गुर्दे पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके सेवन से बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
सख्त कार्रवाई की तैयारी
खाद्य सुरक्षा विभाग ने डेयरी संचालकों को सख्त चेतावनी दी है कि वे अपने उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित करें। यदि किसी डेयरी में सिंथेटिक दूध पाए जाने की शिकायत मिली, तो उनके लाइसेंस रद्द करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
जनता से अपील
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे दूध खरीदते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें।
यह अभियान राजधानी में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उठाया गया एक सराहनीय कदम है।