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प्रदीप कुमार उपाध्याय
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के प्रवर्तन ज़ोन–3 में तैनात सहायक अभियंता रविशंकर राय एवं अवर अभियंता राहुल व शिवानंद उपाध्यक्ष की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ को खुलेआम चुनौती देते नज़र आ रहे हैं।
सरोजनीनगर, काकोरी, पारा, आलमबाग और कृष्णानगर क्षेत्र में अवैध निर्माणों की हरियाली चारों ओर दिखाई दे रही है। स्थिति यह है कि सील की गई इमारतों में भी तेज़ी से निर्माण कार्य जारी है।
सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार, यहां तैनात सहायक अभियंता रविशंकर राय एवं अवर अभियंता राहुल की मेहरबानियों से अवैध निर्माण तेज़ी से फल-फूल रहा है। इनकी जोड़ी अवैध निर्माणों को लेकर चर्चाओं में है।
रविशंकर राय पूर्व में इसी क्षेत्र में अवर अभियंता रहते हुए तैनात थे। कई शिकायतों के बाद उन्हें हटाया गया था और शासन स्तर पर जांच भी लंबित बताई जाती है, लेकिन प्रमोशन के बाद जुगाड़ के दम पर फिर उसी ज़ोन में तैनाती हासिल कर ली गई—जहां से उन्हें हटाया गया था।

बुद्धेश्वर पुल के नीचे होता हुआ अवैध निर्माणों जो कि उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण की जीरो टॉलरेंस नीति को खुली चुनौती दे रहा है।
बुद्धेश्वर पुल के नीचे बेरोक-टोक जारी निर्माण यह साबित करने के लिए काफ़ी है कि प्रवर्तन ज़ोन–3 की निगरानी तंत्र या तो विफल है या आंखें मूंदे बैठा है। यह क्षेत्र लंबे समय से संवेदनशील है, इसके बावजूद यहां दिन-दहाड़े अवैध ढांचा खड़ा किया जा रहा है।

हरदोईया मोड़ पर 500 मीटर आगे चलने पर होता हुआ निर्माण, जीरो टॉलरेंस नीति को मुंह चिढ़ा रहा है।
हरदोईया मोड़ के आगे जिस रफ्तार से निर्माण हो रहा है, वह प्रवर्तन ज़ोन–3 की निष्क्रियता का सीधा आईना है। यहां न तो नोटिस की कोई प्रभावी कार्रवाई दिखती है और न ही निर्माण रोकने का कोई ठोस प्रयास।

मोहान रोड पर पानखेड़ा के पास होता हुआ निर्माण जीरो टॉलरेंस नीति में चार चांद लगा रहा है।
मोहन रोड–पानखेड़ा के पास हो रहा यह निर्माण नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाता दिखाई दे रहा है। मुख्य मार्ग के आसपास ऐसे अवैध ढांचे भविष्य में यातायात, सुरक्षा और शहरी नियोजन—तीनों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।

सरोजनी नगर में जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाता अवैध निर्माण कार्य।
सरोजनीनगर क्षेत्र में चल रहा यह निर्माण दर्शाता है कि प्रवर्तन कार्रवाई का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है। यहां सील की गई इमारतों में भी निर्माण की रफ्तार थमती नहीं दिख रही।
‘शिकायतों के बाद हटे, फिर उसी ज़ोन में वापसी’ — सवालों में रविशंकर राय की तैनाती
सूत्रों के मुताबिक, रविशंकर राय पूर्व में इसी क्षेत्र से शिकायतों के बाद हटाए गए थे, लेकिन प्रमोशन के बाद फिर उसी ज़ोन में तैनाती कई गंभीर सवाल खड़े करती है।
वहीं, अवर अभियंता राहुल और शिवानंद की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है, जिनकी मौजूदगी में अवैध निर्माणों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
स्थिति यह बन गई है कि प्रवर्तन ज़ोन–3 अब ‘अवैध निर्माणों की मंडी’ जैसा दिखाई दे रहा है, जहां नियम केवल कागज़ों तक सीमित रह गए हैं।
क्रमशः-……….
Perfect Media News Agency
