लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की जीरो टॉलरेंस को पलीता लगता जोन पाँच
लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र में अवैध निर्माणों का विस्तार अब पूरी तरह बेकाबू हो चुका है।
सबसे गंभीर पहलू—प्रवर्तन ज़ोन–5 के सामने ही तीन स्थानों पर खुलेआम अवैध निर्माण जारी हैं, और इन पर रोकथाम का नामोनिशान भी दिखाई नहीं देता।
स्थिति यह दर्शाती है कि प्रवर्तन ज़ोन–5 की निरीक्षण व्यवस्था जमीनी स्तर पर लगभग ठप हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, ज़ोन–5 में वर्तमान अधिकारियों की कार्यशैली और आपसी नेटवर्क इतनी गहराई तक फैल गया है कि क्षेत्र में अवैध निर्माण रोकना अब सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है।

1. जानकीपुरम थाने से दाईं ओर साठ फ़ीट रोड पर आगे बढ़ने के बाद—तिराहे के आगे दाईं तरफ
इस स्थान पर अवैध निर्माण तेज़ी से और बड़े पैमाने पर खड़ा किया जा रहा है।
यह इलाका प्रवर्तन ज़ोन–5 के तहत आता है, फिर भी एक भी कार्रवाई न होना यह साबित करता है कि निरीक्षण व्यवस्था पूरी तरह निष्क्रिय है।

2.जानकीपुरम सेक्टर–H, सहारा रोड—सेंट थॉमस मिशन स्कूल के पास
स्कूल के नजदीक हो रहे अवैध निर्माण पर सबसे ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है लेकिन यहाँ भी बेरोकटोक निर्माण जारी है।
यहाँ भी अवैध ढांचा खुलेआम और निर्बाध रूप से खड़ा किया जा रहा है।
अवर अभियंता विभोर श्रीवास्तव और सहायक अभियंता संजय शुक्ला की इस जोन में तैनाती के बावजूद ये निर्माण क्यों नहीं रुक रहे हैं।
इस जोन के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली और जिम्मेदारियों पर बड़ा प्रश्नचिह्न….??

- जानकीपुरम थाने से दाईं ओर साठ फ़ीट रोड पर आगे बढ़ने के बाद—तिराहे से आगे बाईं ओर मुख्य मार्ग पर
मुख्य सड़क पर ही अवैध निर्माण की यह सबसे बड़ी साइट है।
यहाँ जिस पैमाने पर निर्माण किया जा रहा है, वह प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है।
प्रवर्तन ज़ोन–5 के अधिकारियों की भूमिका कठघरे में
संजय शुक्ला: पूर्व में ज़ोन–5 में तैनाती के दौरान संजय शुक्ला के समय अवैध निर्माणों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी।
बिल्डरों से उनके समीकरण लंबे समय तक चर्चाओं में रहे।
लगातार बढ़ती शिकायतों की वजह से अंततः उन्हें ज़ोन–5 से पूर्व में लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष द्वारा हटाया गया था। परंतु अपनी जुगाड़ के दम पर उन्होंने पुनः अपनी तैनाती इसी क्षेत्र में करवा ली।
विभोर श्रीवास्तव: वर्तमान में तैनात नए अवर अभियंता विभोर श्रीवास्तव के कार्यकाल में
अवैध निर्माणों की गति और भी अधिक तेज हो गई है।
जहाँ एक नये अधिकारी से पारदर्शिता और कड़ाई की उम्मीद की जाती है,
वहीं ज़मीन पर हालात इसके बिल्कुल विपरीत हैं—
अवैध निर्माण पहले से अधिक निर्बाध रूप से खड़े हो रहे हैं।
जानकीपुरम में तीन अलग-अलग स्थानों पर तेज़ी से खड़े होते अवैध ढांचे यह साबित करते हैं कि प्रवर्तन ज़ोन–5 की पूरी व्यवस्था चरमराई हुई है। अभी कुछ दिनों पूर्व अवर अभियंता भरत पांडे को अवैध निर्माण करवाने के आरोप में उपाध्यक्ष द्वारा जोन-5 से हटाकर चीफ इंजीनियर कार्यालय में संबद्ध कर दिया जा चुका है।
चाहे निरीक्षण हो या नियंत्रण—दोनों की दिशा और ताकत सवालों के घेरे में है।
Perfect Media News Agency
