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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया सशक्त संदेश, नागरिक सहभागिता पर दिया जोर
वाराणसी | 10 दिसंबर 2025
उत्तर प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और जन-जागरूकता को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश श्री राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा आयोजित साइबर जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ किया। यह कार्यशाला यातायात लाइन स्थित नवीन सभागार, वाराणसी में आयोजित की गई।
इस अवसर पर पुलिस आयुक्त वाराणसी श्री मोहित अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, मीडिया कर्मी, ऑनलाइन माध्यम से जुड़े साइबर सेल एवं थानों के पुलिसकर्मी उपस्थित रहे। डीजीपी ने कार्यशाला को ज्ञानवर्धक बनाने में योगदान देने वाले साइबर विशेषज्ञ श्री रक्षित टंडन का विशेष आभार व्यक्त किया।

डिजिटल इंडिया के साथ बढ़ी जिम्मेदारी: डीजीपी
अपने संबोधन में डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जीवनशैली में मूलभूत परिवर्तन आया है। डिजिटल भुगतान, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स अब आम जनजीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं।
उन्होंने बताया कि भारत आज प्रति व्यक्ति डिजिटल वित्तीय लेन-देन में विश्व में प्रथम स्थान पर है और कोविड के बाद ई-कॉमर्स में 60–70 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है।
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि इंटरनेट सुविधा के साथ-साथ जिम्मेदारी भी है। जैसे-जैसे डिजिटल लेन-देन बढ़ा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों में भी तेजी आई है। ऐसे में सजगता, नैतिकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
साइबर अपराध के चार बड़े कारण बताए डीजीपी ने
1. लोभ (लालच):
असामान्य और अवास्तविक रिटर्न का लालच लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाता है।
2. लापरवाही:
OTP, पर्सनल डिटेल्स साझा करना और फर्जी लिंक पर क्लिक करना बड़ा खतरा है।
3. लत (सोशल मीडिया व ऑनलाइन गेमिंग):
ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया की लत मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर रही है।
4. डिजिटल भय (डिजिटल अरेस्ट):
सरकारी एजेंसी बनकर ऑनलाइन धमकी देकर पैसा वसूलना एक नया साइबर फ्रॉड है। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन जुर्माना जमा कराने को नहीं कहती।
साइबर ठगी से बचाव के तीन प्रभावी उपाय
डीजीपी ने नागरिकों को तीन अहम उपायों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी—
तत्काल 1930 डायल करें:
यह देश की सबसे मजबूत साइबर हेल्पलाइन है। कॉल करते ही संबंधित अकाउंट फ्रीज हो जाता है। यूपी में अब तक लगभग 130 करोड़ रुपये फ्रीज कराए जा चुके हैं।गोल्डन टाइम-फ्रेम में रिपोर्ट करें:
30 मिनट के भीतर रिपोर्ट करने पर रिकवरी की संभावना अधिक होती है।सही और सटीक जानकारी दें:
एक भी गलत विवरण रिकवरी को प्रभावित कर सकता है।
जन-सहभागिता से ही साइबर अपराध पर लगेगा अंकुश
डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि यदि 500 लोग भी जागरूक हो जाएं, तो उनके माध्यम से 50,000 लोगों तक संदेश पहुंच सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग से साइबर सुरक्षा की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की अपील की।
साइबर विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने दिया व्यवहारिक प्रशिक्षण
कार्यशाला में साइबर विशेषज्ञ श्री रक्षित टंडन ने डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन फ्रॉड, डेटा चोरी और सोशल इंजीनियरिंग से बचाव की तकनीकों पर सरल और व्यवहारिक मार्गदर्शन दिया।
उन्होंने पासवर्ड मैनेजमेंट, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, कार्ड सुरक्षा, साइबर बुलिंग से बचाव, महिलाओं एवं बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा और तत्काल शिकायत प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी।
Perfect Media News Agency
