कानपुर नगर:
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री राजीव कृष्णा ने आज दिनांक 10 नवंबर 2025 को कमिश्नरेट कानपुर नगर पुलिस द्वारा आयोजित “साइबर जागरूकता एवं महिला सशक्तिकरण” कार्यशाला का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया।
यह कार्यशाला एचबीटीयू (Harcourt Butler Technical University), कानपुर नगर में आयोजित की गई, जिसमें पुलिस कमिश्नर श्री रघुबीर लाल, जिलाधिकारी कानपुर नगर, व्यापार मंडल के सदस्यगण, उद्योगपति, बैंकर्स, शिक्षक, छात्र, एनजीओ प्रतिनिधि तथा पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
डीजीपी राजीव कृष्णा का संबोधन:
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए डीजीपी ने कहा कि —
“यह एक अत्यंत सामयिक और उपयोगी कार्यशाला है। आज के डिजिटल युग में साइबर उपयोग जीवन की अनिवार्य आवश्यकता बन गया है।”
उन्होंने बताया कि कोविड काल के बाद ई-कॉमर्स में 60-70% की वृद्धि हुई है और सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ा है।
डीजीपी ने यह भी कहा कि आज का युवा वर्ग ऑनलाइन गेमिंग की लत और साइबर ठगी जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसके लिए समाज को अधिक सतर्क रहना होगा।
मुख्य बिंदु:
समाज पर साइबर अपराध का प्रभाव
स्कूली बच्चे साइबर बुलिंग का शिकार होते हैं।
महिलाएं और बालिकाएं साइबर स्टॉकिंग जैसी घटनाओं से प्रभावित होती हैं।
डिजिटल अरेस्ट – एक उभरता खतरा
सभ्रांत नागरिक इसके शिकार होकर अपनी जीवनभर की कमाई गंवा चुके हैं।
साइबर ठगी के तीन प्रमुख कारण — लालच, भय और लापरवाही।
नागरिकों के लिए तीन जरूरी उपाय:
तत्काल 1930 डायल करें।
गोल्डन टाइम फ्रेम में रिपोर्ट करें।
सही तथ्य दर्ज करें।
बच्चों व युवाओं के लिए संदेश:
ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से सावधान रहें।
पुलिस अधिकारियों के लिए निर्देश:
साइबर अपराध जांच को जटिल न मानें, यह SOP आधारित और सरल प्रक्रिया है।
साइबर सुरक्षा में नागरिक सहभागिता:
मजबूत पासवर्ड, अपडेटेड सॉफ्टवेयर और जागरूकता ही सुरक्षा की कुंजी है।
“सुरक्षित डिजिटल उत्तर प्रदेश तभी बनेगा जब जनता और पुलिस साथ हों।”
डीजीपी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस न केवल अपराधियों के खिलाफ सशक्त कार्रवाई कर रही है, बल्कि हर नागरिक को सुरक्षित डिजिटल जीवन प्रदान करने के मिशन पर निरंतर अग्रसर है।
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