अवैध निर्माण की झूठी शिकायतों से आम जनता को परेशान कर रहे गिरोह पर लखनऊ विकास प्राधिकरण सख्त
लखनऊ।
शहर में अवैध निर्माण के नाम पर आम नागरिकों को प्रताड़ित कर रहे कथित शिकायती गिरोह पर अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने सख्ती बरतने का फैसला लिया है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जनता अदालत और आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद आदेश जारी किए हैं कि अब से किसी भी निर्माण कार्य के खिलाफ शिकायतों पर गहन परीक्षण के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
पिछले एक वर्ष की शिकायतों की जब स्क्रूटनी कराई गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जनवरी 2024 से 30 मई 2025 के बीच कुल 2114 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से केवल 28 लोगों ने ही यह शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से कुछ लोगों ने हर महीने 20 से 30 शिकायतें की हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि एक संगठित गिरोह अवैध रूप से लोगों को परेशान कर रहा है।
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण में नियमित रूप से आयोजित होने वाली जनता अदालतों में कई नागरिकों ने शिकायती गिरोह के खिलाफ बयान दिए। शिकायतें मिलीं कि गिरोह के सदस्य निर्माण कार्य रोकने की धमकी देकर रुपए मांगते हैं, और न देने की स्थिति में आईजीआरएस पोर्टल और एलडीए में झूठी शिकायतें दर्ज करा देते हैं। इससे ईमानदार नागरिकों को मानसिक, आर्थिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चौंकाने वाले आंकड़े
जांच में यह भी सामने आया कि एक महिला ने अकेले 171 शिकायतें दर्ज कराईं, जबकि एक पुरुष ने 168 और एक अन्य व्यक्ति ने 167 शिकायतें की हैं। यह सभी शिकायतें अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों के खिलाफ दर्ज कराई गईं।
उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा कि जनसुनवाई में लगातार मिल रही सूचनाओं को देखते हुए ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है, जो नियमित रूप से बड़ी संख्या में शिकायतें कर रहे हैं। इनके खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है और भविष्य में कोई भी शिकायत आने पर पहले गहन स्थल परीक्षण किया जाएगा, उसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
जनहित में जारी हुआ आदेश
एलडीए उपाध्यक्ष ने जनहित में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अब से किसी भी निर्माण कार्य के विरुद्ध दर्ज शिकायत की संवेदनशीलता से जांच की जाएगी। शिकायतों की सत्यता स्थल निरीक्षण और आवश्यक परीक्षणों के आधार पर तय की जाएगी।
निष्कर्ष
इस पहल से जहां ईमानदार नागरिकों को राहत मिलेगी, वहीं झूठी शिकायतों और ब्लैकमेलिंग के जरिए आम लोगों को परेशान करने वाले गिरोह पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण की यह कार्रवाई शहर में निर्माण कार्यों को लेकर पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।