योगी सरकार में मजबूत कानून व्यवस्था: महिला अपराधों में बड़ी गिरावट
महिला सुरक्षा पर विपक्ष के आरोपों का मंत्री सुरेश खन्ना ने दिया करारा जवाब
- 1 जनवरी से 30 नवंबर 2024 तक 4.18 लाख महिला शिकायतों का 97.95% निस्तारण।
- पॉक्सो एक्ट के तहत 2,440 अपराधियों को इस वर्ष मिली सजा।
- दहेज मृत्यु में 16.68%, दुष्कर्म में 25.34%, और शीलभंग के मामलों में 14.31% की गिरावट।
लखनऊ, 17 दिसंबर:
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने महिला हिंसा और अपराधों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट और ठोस आंकड़ों के साथ जवाब देते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून व्यवस्था सबसे मजबूत स्थिति में है।
सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार ने अपराधियों को सजा दिलाने में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। उन्होंने 1 जनवरी 2024 से 30 नवंबर 2024 के बीच 1090 महिला हेल्पलाइन पर दर्ज 4,18,504 शिकायतों में से 4,09,912 शिकायतों का निस्तारण किया। पेंडिंग 8,592 शिकायतों पर भी तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
दहेज मृत्यु और दुष्कर्म के मामलों में भारी कमी
मंत्री ने बताया कि दहेज मृत्यु के मामलों में लगातार गिरावट हो रही है।
- 2017 में 2,524 मामले दर्ज हुए थे।
- 2023 में यह संख्या घटकर 2,061 पर आ गई।
- 2024 में अब तक केवल 1,418 मामले दर्ज हुए हैं।
दुष्कर्म और शीलभंग के मामलों में भी सुधार हुआ है:
- दुष्कर्म के मामलों में 25.34% की गिरावट।
- शीलभंग के मामलों में 14.31% की कमी।
उन्होंने कहा कि यूपी में दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर 24वां स्थान है, जो कई अन्य राज्यों से बेहतर है।
पॉक्सो एक्ट: अपराधियों पर कड़ी सजा
पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधियों को सजा दिलाने में भी यूपी सरकार अव्वल रही।
- 2017 में 415 दोषियों को सजा दी गई।
- 2024 में 15 दिसंबर तक 2,440 दोषियों को सजा दिलाई गई।
- इसी साल 1 जुलाई से 11 दिसंबर तक 48 अपराधियों को मृत्युदंड और 6,065 मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
हत्या और अन्य अपराधों में गिरावट
मंत्री ने हत्या के मामलों पर बात करते हुए कहा:
- 2022 में 175, 2023 में 141, और 2024 में अब तक 126 मामले दर्ज हुए हैं।
- इसमें 48.57% की गिरावट दर्ज की गई।
योगी सरकार का अपराध नियंत्रण पर फोकस
मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार ने अभियोजन प्रणाली को मजबूत कर अपराधियों पर शिकंजा कसने में कामयाबी पाई है।
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की स्थिति आईपीसी अपराधों में 19 राज्यों से बेहतर है।