लखनऊ, 24 जुलाई: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 की शीर्ष समिति की दसवीं बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में 12075.69 लाख रुपये की लागत से 30 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
मुख्य सचिव के निर्देश
मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि आगामी महाकुंभ-2025 को क्लीन और ग्रीन बनाना आवश्यक है। उन्होंने मेला क्षेत्र में स्थापित शौचालयों की प्रतिदिन सफाई की निगरानी के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था करने पर जोर दिया। साथ ही, दूषित जल को गंगा में प्रवाहित न होने देने और सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ने की कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
शहर का सौंदर्यीकरण
मुख्य सचिव ने महाकुंभ से पहले शहर के परिदृश्य को नया रूप देने के लिए भित्ति चित्र, साइनेज, जंक्शन डिजाइन, सोलर स्ट्रीट लाइट की स्थापना और बागवानी के माध्यम से सौंदर्यीकरण कार्य कराने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और सुरक्षा एवं यातायात की बेहतर व्यवस्था की जाए।
मंजूर की गई परियोजनाएँ
बैठक में मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की 2584.12 लाख रुपये लागत की 02 परियोजनाओं, स्वास्थ्य विभाग की 5823.02 लाख रुपये लागत की 19 परियोजनाओं, पर्यटन विभाग की 351 लाख रुपये लागत की 01 परियोजना, प्रयागराज विकास प्राधिकरण की 789.34 लाख रुपये लागत की 01 परियोजना, उद्यान विभाग की 755.18 रुपये लागत की 03 परियोजनाओं, सीएण्डडीएस की 1249.79 लाख रुपये लागत की 02 परियोजनाओं, उ.प्र. जल निगम की 523.24 करोड़ रुपये लागत की 01 परियोजना और सिंचाई विभाग की 01 परियोजना को मंजूरी दी गई।
चिकित्सा सुविधाएँ
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 2247.52 लाख रुपये की लागत से मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और सम्बद्ध चिकित्सालयों के नवीनीकरण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य होगा। इसके अलावा, 336.60 लाख रुपये की लागत से चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों का क्रय और 1425.02 लाख रुपये की लागत से अस्थाई सेंट्रल हॉस्पिटल्स, 10 सेक्टर हॉस्पिटल्स और 02 सब सेक्टर हॉस्पिटल्स का निर्माण मेला क्षेत्र में किया जाएगा।
पर्यटन सुविधाएँ
पर्यटन विभाग द्वारा 351 लाख रुपये की लागत से मेला क्षेत्र के परेड ग्राउंड में 55 प्रीमियम टेंट लगाए जाएंगे। इसके अलावा, प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 789.34 लाख रुपये की लागत से सड़क चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।
अन्य सुविधाएँ
उद्यान विभाग द्वारा 199.21 लाख रुपये की लागत से मेला क्षेत्र में मौसमी फूल और शोभाकार पौधे तैयार किए जाएंगे और 495.97 लाख रुपये की लागत से राजकीय पार्कों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके अलावा, 60 लाख रुपये की लागत से औद्यानिक तकनीकी और योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। सीएण्ड डीएस द्वारा 751 लाख रुपये की धनराशि से थीमैटिक वेस्ट टू वंडर इंस्टालेशन की स्थापना की जाएगी। उ.प्र. जल निगम (नगरीय) द्वारा मेला क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति हेतु 5112.44 रुपये की लागत से पाइप का क्रय किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, सूचना निदेशक शिशिर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
समन्वय और क्रियान्वयन
प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा गंगा नदी को व्यवस्थित करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित कर बैम्बू पिनिंग की कार्य योजना बनाई गई है, जिस पर कार्य किया जाएगा। सभी परियोजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के बीच समन्वय को सुनिश्चित किया गया है।