लखनऊ, 14 अक्टूबर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर पंचायतों के ऑन सोर्स ऑफ रेवेन्यू (स्वयं के राजस्व स्रोत) को बढ़ाने के संबंध में समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, ताकि वे विकास कार्यों को स्व-वित्तपोषित रूप से संचालित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतों के पास उपलब्ध अचल संपत्तियों, बाजारों, तालाबों, हाट-बाजारों और सार्वजनिक स्थलों का सुनियोजित उपयोग कर राजस्व सृजन की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि पंचायतें अपने संसाधनों से होने वाली आय का उपयोग स्थानीय विकास, सफाई व्यवस्था, पेयजल, स्ट्रीट लाइट और सामुदायिक सुविधाओं पर करें।
योगी जी ने कहा कि डिजिटलीकरण और पारदर्शिता के माध्यम से पंचायतों की आय और व्यय की निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर जिले में पंचायतों के राजस्व मॉडल का अध्ययन कर सर्वोत्तम प्रथाओं (Best Practices) को राज्यभर में लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ग्राम सचिवालयों को सशक्त करते हुए, राजस्व बढ़ाने की योजनाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि पंचायतें अपनी परिसंपत्तियों का बेहतर प्रबंधन कर सकें।
बैठक में पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव, निदेशक, वित्त विभाग के अधिकारी तथा संबंधित जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
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